40 ft. गहरे बोरवेल में जा गिरा 4 साल का मासूम, 27 घंटे बाद आई आवाज और फिर

अक्सर हमे कोई न कोई घटनाएँ सुनने को मिलती रहती है लेकिन उन्ही में कुछ ऐसी घटनाएँ होती है जो हमे विचलित कर देती है |ऐसी ही एक घटना सामने आई है खातेगांव के पास उमरिया गांव से जहाँ पर एक  खेत के बोर में चार साल का बच्चा जिसका नाम था रोशन जमीन से 27 फीट अंदर सुबह 11.30 बजे से फंसा हुआ है। बच्चे को बाहर निकालने के लिए बोर से छह फीट की दूरी पर 60 फीट चौड़ाई में 40 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा जा रहा है। इसके लिए तीन पोकलेन और तीन जेसीबी लगाई है।

  आपदा प्रबंधन दल और सेना भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। दूसरी तरफ जमीनी सतह से 27 फीट अंदर बोरिंग में फंसा वह बार-बार रोते हुए पुकार रहा है कि पापा, मुझे निकालो…! सुबह 11.30 बजे से जब से वह गिरा है, उसके पेट में अन्न का एक दाना नहीं गया है फिर भी पानी और दूध पिलाने की कोशिशें की जा रही हैं | रात 12 बजे रोशन की हलचल पता करने के लिए सेना और प्रशासन ने बोरवेल में माइक्रोफोन डालकर पता लगाना शुरू किया।

बोर में सुबह 11.30 बजे फंसे बच्चे को रात 9.30 बजे तक 200 एमएल दूध नली के जरिए भेजा गया है। चार से पांच बार पानी भी दिया है। मौके पर तैनात डॉक्टर्स के अनुसार चार साल के बच्चे को 200 एमएल दूध पहुंच चुका है तो वह पर्याप्त है। पानी के साथ ग्लुकोज दिए जाने से फिलहाल कोई दिक्कत वाली बात नहीं है। दोपहर में ऑक्सीजन के सिलेंडर हटाकर मशीन के माध्यम से नली से गड्‌ढे के अंदर बालक को ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। यह मशीन बैटरी से चलती है और स्वत: ऑक्सीजन निर्मित करती है।

 

छोटे पाइप से भेजकर ग्लूकोस वाला पानी और दूध पिलाने की कोशिशें हुई लेकिन वह कितनी सफल रही, यह किसी को नहीं पता है। रोशन के पिता ने घटना के बाद से पलभर के लिए भी घटनास्थल नहीं छोड़ा है। वे सुबह से ही ऑक्सीजन की नली लेकर वहीं बैठे हैं तो कभी पास में कैमरे में बेटे की ताजा तस्वीर देखने पहुंच जाते हैं। जैसे ही बेटे की रोने की आवाज आती है तो वे घुटने के बल होल में अंदर झांककर कहते हैं कि- बेटा, रो मत। ऐ बेटा, मत रो।

खेत मालिक गायब है : कलेक्टर
कलेक्टर आशीषसिंह ने बताया खेत मालिक घटना के बाद से गायब है। उसे बुलाने के लिए सूचना दी लेकिन वह नहीं आया। जो कार्रवाई होगी, वह तय है लेकिन प्राथमिकता रोशन को बचाना है। इधर, पुलिस अफसर इस मामले में खेत मालिक के खिलाफ गंभीर धाराएं लगाने के संकेत दे

सेना, आपदा प्रबंधन दल सहित 200 से ज्यादा अफसर-कर्मचारी जुटे हैं

– सेना के इंजीनियर विंग के कर्नल अजयकुमार शर्मा सहित 60 अफसर-जवान भोपाल से आए हैं। भोपाल के राज्य आपदा आपातकालीन मोचनबल की टीम के 15 लोग हैं। इंस्पेक्टर जीडी कपिल नागर टीम को लीड कर

10 गांवों में रात में प्रार्थना
रोशन की जान बचाने के लिए रात 12 बजे तक 10 से ज्यादा गांव के लोग उमरिया में जुटे हुए थे। वे मजदूर के बेटे रोशन की जान बच जाए इसके लिए प्रार्थना करते रहे। उनकी जुंबा पर रोशन की सलामती की बात थी

ये मशीनें बचाव में लगी

3 पोकलेन, 2 जेसीबी। इनमें से एक पोकलेन में पत्थर फोड़ने की मशीन भी है। रात 9.30 बजे तक करीब 25 फीट खुदाई हो चुकी थी। आपदा प्रबंधन दल हैम्बर ड्रिल मशीन, विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, आस्का लाइट, डायमंड चैनसा, रोटरी रेस्क्युसा, इलेक्ट्रिक ड्रील मशीन आदि साथ लाई है। ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर के जरिए ऑक्सीजन जनरेट कर बच्चे तक नली से पहुंचाई जा रही है।