जानें, सूर्य ग्रहण के पहले और बाद भी स्नान करना क्यों होता है जरूरी
जब जब कोई भी ग्रहण लगता है तो ऐसे में देखा जाता है कि हर कोई इसके बारे में कई सारे बातें पूछता है या फिर काफी सवाल भी दिमाग में आते रहते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि ये समय भगवान के लिए ही नहीं बल्कि इंसानों के लिए भी काफी कठिन होता है। शास्त्र व पुराणों की मानें तो इससे जुड़ी कई तरह की मान्यताएं हैं। साल 2019 का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर यानि आज है। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण लगा था। पुराणों में कहा गया है कि चंद्र ग्रहण से अधिक सूर्य ग्रहण का असर होता है इसलिए सूर्य ग्रहण पर शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करना जरूरी माना गया है। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा ने भी सूर्य ग्रहण के अवसर पर कुरुक्षेत्र में पवित्र स्नान किया था।
कहा तो यह भी जाता है कि महाभारत के दौरान लगने वाले खास ग्रहण के अवसर पर देवी राधा देवी यशोदा और नंद बाबा के संग कुरुक्षेत्र आई थीं। यह घटना इस बात की पुष्टि करती हैं कि ग्रहण के बाद पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा करना संभव नहीं हो तो घर पर स्नान करने के लिए प्रयोग किए जाने वाले जल में गंगा जल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
ग्रहण के दौरान व उसके बाद भी कई सारे नियम होते हैं जिसका पालन करना आसान नहीं होता है, हालांकि शास्त्रों में सूर्य ग्रहण के बाद स्नान करना जरूरी बताया गया है योग वसिष्ठ में लिखा है- पुत्रजन्मनि यज्ञे च तथा सक्रमणे रवेः। रहोश्च दर्शने कार्य प्रशस्तं नान्यथा निशि।। यानी संतान के जन्म पर, यज्ञ, सूर्य और चंद्र संक्रांति यदि रात में भी हो तो स्नान करके शुद्ध होना चाहिए। इसकी वजह यह है कि इन सभी घटनाओं के बाद शरीर अपवित्र हो जाता है और इसे फिर से देव पितृ कार्य के लिए शुद्ध करना जरूरी होता है। ।
क्या होते हैं स्नान के फायदे
कहा जाता है कि शास्त्रों की मानें के अनुसार दो अशुभ ग्रहों राहु और केतु के कारण ग्रहण लगता है। सूर्य ग्रहण के दौराण केतु सूर्य को ग्रसित करता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रहों के राजा के ग्रसित हो जाने से आसुरी शक्तियां जागृत हो जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो रोगाणुओं का प्रभाव बढ़ जाता है। सूर्य से निकलने वाले अल्ट्रावॉयलेट किरणों से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए भी सूर्य ग्रहण के बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए स्नान करना चाहिए।
ग्रहण से पहले भी स्नान करना होता है जरूरी
वैसे शायद आपको पता नहीं होगा लेकिन ग्रहण के बाद स्नान करना जरूरी है तो ग्रहण के पहले भी स्नान करना जरूरी कहा गया है क्योंकि यह साधना का समय भी होता है। ग्रहण के दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जप, गुरु मंत्र का जप, नारायण कवच का जप एवं विभिन्न ग्रहों के मंत्रों का जप करना शुभ और प्रभावशाली होता है। यह ग्रहण एक खास खगोलीय घटना होगी, क्योंकि इस दिन सूर्य ‘रिंग ऑफ फायर’ की तरह दिखेगा। ।