सिर्फ IAS B Chandrakal ही नहीं बल्कि 800 करोड़ तक की संपत्ति बनाने वाले ये 8 IAS और IPS आ गए हैं CBI के राडार पर

ठेकेदारों और अफसरों को बीच बाजार में जनता के सामने लगा लगा कर हर तरफ सुर्खियों में छा जाने वाली आईएएस बी चंद्रकला ने लोकप्रियता हासिल की थी और सोशल मीडिया में हीरो की तरह उभर कर सामने आए थे पिछले कुछ दिनों से वह खुद सीबीआई के दस्तावेजों में करेक्शन का आरोपी बनकर फर्स्ट चुकी है और निश्चित रूप से शायद ऐसा किसी ने सोचा होगा कि ईमानदारी और सच्चाई नगाड़ा बजाने वाली बी चंद्रकला खुद आरोपी बन करेंगे आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की बी चंद्रकला पर उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में डीएम के पद पर रहते हुए मोरंग खनन यानी कि अवैध खनन के 50 मामलों को अवैध तरीके से मंजूरी देने का आरोप लगाया गया है

इस मामले के सामने आते ही CBI जांच में चंद्रकला व सपा एमएलसी रमेश मिश्रा समेत कई लोगों पर आपराधिक साजिश, अवैध वसूली की धाराओं में FIR दर्ज किया गया। अब चूंकि बेहद ही साफ और ईमानदार छवि बनाने वाली इस IAS अधिकारी की इस तरह से बखिया उधेड़ी जाएगी यह तो कोई नहीं जानता था मगर आज हम आपको ऐसे ही IAS और IPS अधिकारियों की एक चोटी सी लिस्ट सामने लेकर आ रहे हैं जिसमे बी चन्द्रकला कि तरह ही कई मामलों में लिप्त पाये गए है जिनमें से कोई धन कुबेर है तो किसी को एसोसिएशन ने सबसे करप्ट करार दिया।

IAS B Chandrakala

बता दें की अखिलेश सरकार में B Chandrakala की पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में डीएम के पद पर की गई थी। chandrakal 2008 बैच की आईएएस हैं और इनके ऊपर आरोप है कि में इन्होने सपा नेताओं को नियमों की अनदेखी करते हुए खनन के तकरीबन 50 पट्टे जारी किए, जबकि इसकी स्वीकृति का प्रावधान है की ये सभी पट्टे  ई-टेंडर के जरिए जारी किए जाते हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा मशहूर अधिकारी B Chandrakala छापे के वक़्त लखनऊ स्थित अपने फ्लैट से नदारद थी जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ भी जब्त किए गए हैं।

डॉ. ई रमेश, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के आईएएस डॉक्टर ई रमेश जो की 1999 कॉडर के थे इनकी भ्रष्टाचार की कहानी कुछ बहुत ही अलग तरीके से सामने आए जब 2013 में इनकी खुद की पत्नी कुरान गति सपना कुमार ने मध्य प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री आर परशुराम को चिट्ठी लिखकर अपने पति के सारे काले कारनामों के बारे में बताया था। उनकी पत्नी का मानना था कि उनके पति इंजीनियर रमेश सबसे बड़े भ्रष्ट अफसरों में से एक हैं उनकी पत्नी सपना ने यह भी आरोप लगाया था कि अपनी काली कमाई और भ्रष्टाचार से उनके पति ही रमेश ने अंतर राज्य प्रतिनियुक्ति पर गए है।

आंध्र प्रदेश के आईएएस ए. मोहन

आपको बताते चलें की वर्ष 2016 में आंध्र प्रदेश की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आईएएस ए. मोहन के ऊपर भ्रष्टाचार में लिप्तता पाने पर कार्रवाई की जिसके बाद पता चला की ईस्ट गोदावरी जिले के परिवहन उपायुक्त ए. मोहन के पास कई राज्यों में 800 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति के मालिक हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इस कार्रवाई के दौरान उनके पास से 14 फ्लैट के कागजात समेत 2 किलो सोना और 5 किलो चांदी बरामद हुई। इनकी भ्रष्टता का अंदाजा आप इस तरह से भी लगा सकते हैं की इनकी इस आईएएस ने अपनी बड़ी बेटी तेजश्री के नाम पर 8 बेनामी कंपनियां बनाई थी जिसकी कुल संपत्ति तकरीबन 100-120 करोड़ के करीब बताई गयी थी।

नीरा यादव, उत्तर प्रदेश

बताते चलें की नीरा यादव साल 1994 के दौरान नोएडा अथॉरिटी में चेयरमैन थीं और जानकारी के अनुसार आपको यह भी बताते चलें की नीरा पर पद का दुरुपयोग कर बैक डेट में प्लॉट के लिए आवेदन करने और चेक भी बैक डेट में बैंक में जमा करने का आरोप था जिसका खुलासा होने के बाद साल 2012 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने नोएडा लैंड स्कैम में नीरा को 3 साल की सजा सुनाई। नीरा ने फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा।

IPS विवेक कुमार, बिहार

आपको बता दें की बिहार के IPS विवेक कुमार को साल 2018 में ही अप्रैल के महीने में भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त पाते हुए इनके ऊपर कार्यवाही की गयी और आय से तीन गुना अधिक धन अर्जित करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। आपको यह भी बता दें की इस छापेमारी में पता चला की उन्होने अपने ससुराल पक्ष के लोगों के नाम पर 100 से भी ज्यादा एफडी में तकरीबन करोड़ से ज्यादा रकम की बात सामने आई।

सिंघवी, राजस्थान

कुछ वर्ष पहले राजस्थान के माइनिंग विभाग में एक महाघूसकांड अखुलासा हुआ था जिसमे 1983 बैच के सिंघवी को आठ महीने जेल की हवा खानी पड़ी। बता दें की यह मामला वर्ष 2015 में सामने आया था जिसमे इस बात का खुलासा हुआ था की स्टेट गवर्नमेंट ने चित्तौड़गढ़ में शेरखान की छह माइन्स को बंद करवा दिया था और इन्हें चालू करने के लिए डिपार्टमेंट के अफसरों ने करीब 2.55 करोड़ रुपए की घूस मांगी थी उस दौरान सिंघवी डिपार्टमेंट के चीफ सेक्रेटरी पद पर थे।

अखंड प्रताप सिंह, यूपी

एक समय में उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी रह चुके अखंड प्रताप सिंह जो की वर्ष 1967 बैच के IAS अधिकारी हैं इनका नाम बीज घोटेले में शामिल रहा था जिसके बाद यूपी आईएएस एसोसिएशन ने उन्हें गुप्त मतदान के जरिए महा भ्रष्ट आईएएस करार दिया था और साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2003 में पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आय से अधिक संपत्ति मामले में वे जेल की हवा भी खा चुके हैं।

जोशी दंपति, मध्य प्रदेश

1979-2010 के बैच के IAS अफसर, अरविंद और टीनू जोशी दंपति के ऊपर अपने कार्यकला के दौरान आरोप सिद्ध हुआ था की इन दोनों ने ही 41 करोड़, 87 लाख, 35 हजार की रकम करप्शन के जरिए उगाही की थी और सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि इन दोनों ने इस ब्लैक मनी को अवैध तरीके से सफेद करने की कोशिश की, जो उनकी असल कमाई से 3151.32 % अधिक है। बता दें की साल 2014 में दोनों ही रिटायर होने वाले थे मगर फरवरी, 2010 में इनके कलाए कारनामे सामने आ गए और छापेमारी के दौरान जोशी दंपत्ति के घर से 3 करोड़ रु. से ज्यादा नगद बरामद हुए थे।