लाश के साथ चिपक कर सोती थी 5 साल की बच्ची, वजह जान कर हैरान रह गए बिग बी !

ये तो सब जानते है कि हाल ही में सोनी टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति का नया सीजन शुरू हुआ है, जिसे बिग बी यानि अमिताभ बच्चन जी होस्ट कर रहे है. बता दे कि इस बार के सीजन में हर शुक्रवार एक खास एपिसोड दिखाया जाता है. जिसका नाम नयी चाह और नयी राह है. गौरतलब है, कि इस बार एनजीओ गूंज के फाउंडर अंशु गुप्ता स्पेशल गेस्ट बन कर आये थे और इसमें अभिषेक बच्चन ने भी उनका साथ दिया था. इसके इलावा अंशु गुप्ता ने न केवल बिग बी के साथ खेल खेला, बल्कि ये भी बताया कि उनके मन में ये एनजीओ शुरू करने का ख्याल कैसे आया.

जी हां इससे जुडी एक बहुत ही दिलचस्प कहानी अंशु ने केबीसी के सेट पर शेयर की. दरअसल अंशु ने बताया कि एक बार वो देहरादून से दिल्ली आये थे और ऐसे में उन्होंने दिल्ली की सड़को पर ठंड की खूब मार देखी. ऐसे में जब उन्होंने रेड लाइट एरिया पर बच्चो को भीख मांगते हुए देखा, तो उनके मन में ये सवाल आया कि आखिर क्यों ये बच्चे इतनी ठंड में बिना कपड़ो के भीख मांगे. इसके साथ ही उनके मन में ये सवाल भी आया कि जब भूकंप और बाढ़ डिजास्टर हो सकते है तो ठंड डिजास्टर क्यों नहीं हो सकती? जी हां वो ये सोच रहे थे कि हर साल कपड़ो की कमी की वजह से कितनी मौते होती है, लेकिन फिर भी ठंड को डिजास्टर नहीं माना जाता.

इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अंशु ने एक कहानी बताई. उन्होंने बताया कि तब वो मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई कर रहे थे. ऐसे में अपनी स्टोरी की तलाश करते हुए उनकी नजर अचानक अस्पताल के सामने खड़े एक ऑटो रिक्शा पर पड़ी, जिस पर लावारिस लाश उठाने वाला लिखा था. आपको जान कर हैरानी होगी कि अंशु ने न केवल उसका पीछा किया बल्कि एक हफ्ता उसके साथ गुजारा. इसी दौरान उस रिक्शा वाले हबीब ने बताया कि जाड़ो में उसका धंधा बढ़ जाता है और कभी कभी तो उसके पास इतना काम होता था, कि वह संभाल भी नहीं पाता था. बता दे कि इस काम के लिए उसे बीस रूपये और दो मीटर कपडा हर लाश के लिए मिलता था.

वही हबीब की पांच छह साल की बेटी की बातें सुन कर अंशु और भी ज्यादा हैरान हो गया था. जी हां हबीब की बेटी बानो ने अंशु को बताया कि जब उसे ठंड लगती थी तब वह लाश के साथ लिपट कर सोती थी. वो इसलिए क्यूकि लाश न तो तंग करती है और न ही करवट बदलती है. बता दे कि जब बिग बी ने यह बात सुनी तब वो भी चौंक गए थे. इसके बाद अंशु ने बताया कि वो दिल्ली की सड़को की समस्या के बारे में जानते थे, पर उनके पास इसका कोई हल नहीं था. इसके बाद उन्होंने 1998 में अपनी नौकरी छोड़ी और घर से 67 पर्सनल कपडे निकाले. जी हां ये कपडे उन्होंने गरीबो को दान किये. बस तभी से इस मुहीम की शुरुआत हुई और आज वे लोग तीन टन के करीब ये मटेरियल हैंडल करते है.

बता दे कि अंशु अपनी पत्नी मीनाक्षी और बेटी उर्वी के साथ केबीसी में आये थे. इसी शो के दौरान उर्वी ने बताया कि उसका जन्म 1999 में हुआ था और गूंज की स्थापना 1998 में हुई थी. इसलिए सब लोग गूंज को उसका बड़ा भाई मानते है. इस दौरान अमिताभ जी ने बताया कि शो के लिए उन्हें फीस तो मिलती ही है, पर साथ ही कुछ खास कपडे भी मिलते है, जिन्हे वो बाहर पहन कर नहीं जा सकते. ऐसे में अमिताभ जी ने ये घोषणा की कि केबीसी से मिलने वाले कपडे वो गूंज को दान में देंगे, ताकि उनका बेहतर इस्तेमाल हो सके.

बरहलाल हम उम्मीद करते है कि इस कहानी को जानने के बाद आप ये समझ गए होंगे कि इंसान को जितना मिला है, उसे उसी में खुश रहना चाहिए, क्यूकि कम से कम हमारे पास सर्दियों में सोने के लिए गर्म कपडे और सुख सुविधाएँ तो है और हमें लाशो के साथ भी नहीं सोना पड़ता. बस यही सोच कर आज से ही अपनी जिंदगी के साथ सब्र से जीना शुरू कर दीजिये.