देखे तस्वीरें.. 18 साल की उम्र में ये लड़की दिखने लगी थी 80 साल की, मगर अब दिखती है ऐसी
इसमें कोई दोराय नहीं कि अठारह साल की उम्र में हर लड़की खूबसूरत और जवान दिखना चाहती है. यहाँ तक कि खुद को खूबसूरत दिखाने के लिए लड़कियां कई तरह के तरीके भी आजमाती है. हालांकि आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे, जो उम्र से पहले ही बूढी दिखने लगी थी. बता दे कि ये लड़की यमन की रहने वाली है और इसका नाम सैदा अहमद बघहिली है. यक़ीनन जब आप इस लड़की की कहानी के बारे में जानेगे तो हैरान रह जायेंगे. जी हां इस लड़की की कहानी के बारे में जान कर आपकी रूह भी कांप जाएँगी.
गौरतलब है कि एक समय ऐसा भी था जब ये लड़की एक एक दाने के लिए तरसती थी और इसका शरीर एकदम हड्डियों का ढांचा बन चुका था. यही वजह है कि इस लड़की के बारे में जानने के बाद हर किसी की आंखे नम हो जाती है. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पिछले दो साल से यमन ग्रह युद्ध की आग में झुलस रहा है. यहाँ तक कि ग्रह युद्ध की वजह से लोगो को अपना घर तक छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में जिस व्यक्ति को जहाँ रहने की जगह मिली, उसने वही अपना ठिकाना बना लिया. हालांकि ग्रह युद्ध की वजह से लोगो को खाने पीने की भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है.
गौरतलब है कि ग्रह युद्ध के बिगड़ते हालातो की वजह से यमन के लोगो को एक रोटी का दाना मिलना भी मुश्किल हो गया था. ऐसे में इन हालातो का सबसे बुरा असर यमन की रहने वाली अठारह साल की लड़की सैदा पर पड़ा. बता दे कि करीब एक साल पहले इस लड़की की तस्वीर इंटरनेट पर डाली गई थी और जब लोगो ने इस लड़की की तस्वीर को देखा तो हर कोई सन्न रह गया. दरअसल अठारह साल की इस लड़की की हालत बेहद बुरी थी. बता दे कि लोगो ने इस लड़की की तस्वीर को देश की भुखमरी से जोड़ दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सैदा अहमद यमन की राजधानी सना के पास हुदैदा गांव में अपने माता पिता के साथ रहती थी.
मगर जैसे ही इस देश में ग्रह युद्ध की शुरुआत हुई, वैसे ही लोगो को यहाँ रहने और खाने पीने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. जिसके चलते सैदा भूख की वजह से बेहद बीमारी हो गई. यहाँ तक कि सैदा का परिवार इतना गरीब था कि न तो वो लोग रोटी का जुगाड़ कर पा रहे थे और न ही अपनी बेटी का इलाज करवा पा रहे थे. ऐसे में सैदा के परिवार वालो की मदद चैरिटेबल ट्रस्ट वालो ने की. जी हां उन्ही लोगो ने सैदा को अस्पताल पहुँचाया. गौरतलब है कि जब सैदा अल थवारा अस्पताल पहुंची, तब भी उसकी हालत काफी खराब थी.
यहाँ तक कि सैदा में इतनी हिम्मत भी नहीं बची थी कि वो खुद अपने पैरो पर खड़ी होकर चल सके. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो सैदा बुरी तरह से कुपोषण का शिकार हो गई थी. आपको जान कर ताज्जुब होगा कि बात करते करते उसकी जुबान तक लड़खड़ा रही थी. हालांकि पिछले एक साल से सैदा का इलाज चल रहा है और अब वो काफी बेहतर लग रही है.