कैसे प्रारंभ हुई क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा, जानें क्या है कहानी

25 के दिन दुनिया भर में क्रिसमस सेलिब्रेट किया जा रहा है, यह त्‍योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं और क्रिसमस ट्री अपने घर लाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिसमस ट्री की परंपरा कहां से शुरू हुई। कैसे लोगों को पता चला कि क्रिसमस टी लगाने से किस्मत चमक सकती है। क्रिसमस का त्‍योहार दुनिया भर में प्रभु ईसा मसीह के जन्‍मदिन के तौर पर मनाया जाता है।

साल के आखिरी दो बड़े दिन क्रिसमस और न्यू ईयर को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। पार्टी करते हैं और साथ बैठ जश्न मनाते हैं बच्चों को तोहफे दिए जाते हैं और बाहर घुमाया जाता है। खास बात तो यह है कि इस त्योहार को केवल ईसाई ही नहीं बल्कि अन्‍य धर्मों के लोग भी इस त्‍योहार को धूमधाम के साथ मनाते हैं। इस दिन घर-घर में क्रिसमस ट्री को सजाने का चलन है। लेकिन कई लोग अभी भी ये नहीं जानते हैं कि आखिर इसका चलन कैसे शुरू हुआ।

बात काफी पुरानी है जब प्राचीन मिस्र और रोम के लोगों का मत मिस्र और रोम की प्राचीन सभ्‍यता से जुड़े लोग एवरग्रीन यानी साल भर हरे रहने वाले पौधे और पेड़ों से अपने घरों को सजाते थे। उनका मानना था कि ऐसा करने से जादू-टोने का असर नहीं होता है, बुरी आत्माएं, भूत-प्रेत और बीमारियां दूर रहती हैं। प्राचीन मिस्र और रोम के लोग एवरग्रीन पौधों की ताकत और खूबसूरती पर यकीन करते थे।

जर्मनी से शुरू हुई परंपरा जर्मनी में यह परंपरा करीब 722 ईसवी की मानी जाती है। जर्मनी के सेंट बोनिफेस को पता चल गया कि कुछ दुष्ट लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे एक बच्चे की कुर्बानी देंगे। सेंट बोनिफेस ने बच्चे को बचाने के लिए ओक ट्री को काट दिया। उसी ओक ट्री की जड़ के पास एक फर ट्री या सनोबर का पेड़ उग गया। उसके बाद सेंट बोनिफेस ने लोगों को बताया कि वह एक पवित्र वृक्ष है।

उन्होंने बताया कि पेड़ की डालियां स्वर्ग की ओर संकेत करती हैं। इससे उस पेड़ को लेकर लोगों के मन में काफी सम्मान पैदा हुआ। आधुनिक सजावट ऐसे शुरू हुई लोग इसे 16वीं सदी के महान ईसाई धर्म सुधारक मार्टिन लूथर से भी जोड़ते हैं लेकिन यह प्रमाणित नहीं है।

बताते चलें कि आज से करीब 1500 ईस्वी में क्रिसमस की एक पूर्व संध्या वह बर्फ से ढके जंगल से होकर गुजर रहे थे। उन्होंने बर्फ से चमकते पेड़ को देखा। पेड़ की डालियां बर्फ से भरी थीं और चांद की रोशनी में चमक रही थी। जब वह घर आए तो अपने घर पर सनोबर का एक पेड़ लगाया और उसे छोटे कैंडल से सजाया। उन्होंने पेड़ को जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान में प्रकाशित किया था, तब से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा शुरू हो गई।

इंग्‍लैंड का पहला क्रिसमस ट्री इंग्लैंड में प्रिंस अलबर्ट ने 1841 ई. में विंडसर कैसल में पहला क्रिसमस ट्री लगाया था। विक्टोरिया काल में इन पेड़ों पर मोमबत्तियों, टॉफियों और बढ़िया किस्म के केकों को रिबन और कागज की पट्टियों से पेड़ पर बांधा जाता था।